मनोज मुकुल |
(लेखक भारतीय जनसंचार संस्थान, नयी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं और फिलहाल 'स्टार न्यूज' में कार्यरत हैं. )
27 सितंबर को पहले दौर के चुनाव के लिए बिहार में अधिसूचना जारी होगी। फिलहाल चुनाव से पहले दल बदल का काम जोरों पर है। बिहार के चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग ये जानना जरूर चाहेंगे कि कौन सा नेता अभी किस पार्टी में चला गया है। लिस्ट लंबी है। नजर डालिए...
1. अखिलेश सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री) आरजेडी छोड़कर कांग्रेस में जा चुके हैं।
2. सुभाष यादव, आरजेडी से इस्तीफा,जेडीयू, ददन पहलवान की पार्टी में तय नहीं।
3. तस्लीमुद्दीन (पूर्व केंद्रीय मंत्री), आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल।
4. सरफराज आलम, तस्लीमुद्दीन के बेटे, आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल
5. इजहार अहमद (लोजपा विधायक, घनश्यामपुर) जेडीयू में शामिल
6. विजेंद्र चौधरी (निर्दलीय विधायक), मुजफ्फरपुर अब लोजपा में शामिल
7. राजेश सिंह (आरजेडी विधायक, धनहा) अब जेडीयू में शामिल
8. जमशेद अशऱफ(जेडीयू विधायक) बलिया, अब कांग्रेस में शामिल
9. सुखदेव पासवान, पूर्व सांसद (अररिया) बीजेपी से लोजपा अब कांग्रेस में शामिल
10. नागमणि(पूर्व मंत्री), जेडीयू से आरजेडी अब कांग्रेस में शामिल
11. सुचित्रा सिन्हा (कुर्था से जेडीयू विधायक), नागमणि की पत्नी अब कांग्रेस में शामिल
12. प्रभुनाथ सिंह (पूर्व सांसद, महाराजगंज) जेडीयू से आरजेडी में शामिल
13. अनिल कुमार (भोरे विधायक, आरजेडी) कांग्रेस में शामिल
14. गिरिधारी यादव (पूर्व सांसद, बांका) आरजेडी से कांग्रेस अब जेडीयू में शामिल
15. अरुण सिंह (पूर्व सांसद,जहानाबाद)जेडीयू,लोजपा,कांग्रेस होते जेडीयू में शामिल
16. राम लखन महतो (दलसिंहसराय से आरजेडी विधायक), अब जेडीयू में शामिल
17. अच्युतानंद सिंह (लोजपा विधायक, जन्दाहा) अब बीजेपी में शामिल
18. उपेंद्र कुशवाहा (पूर्व विधायक), जेडीयू, एनसीपी, होते हुए फिर जेडीयू में शामिल
19. श्याम रजक (आरजेडी रमई राम(आरजेडी से कांग्रेस) जेडीयू में शामिल हो चुके हैं।
20. आनंद मोहन पत्नी लवली के साथ अभी कांग्रेस में हैं।
21. पप्पू यादव भी पत्नी के साथ अभी कांग्रेस में हैं।
22. कांटी विधायक अजीत कुमार अभी तो जेडीयू में हैं।
23. राजन तिवारी, लोजपा में हैं जेल में बंद।
24. जगन्नाथ मिश्रा, पुत्र नीतीश के साथ फिर से जेडीयू के साथ हैं।
25. सांसद ललन सिंह, तकनीकी तौर पर जेडीयू में हैं, दिल कांग्रेस में।
26. कैप्टन जयनाराण निषाद, मुजफ्फरपुर सांसद, जेडीयू से नाराज
27. पूर्णमासी राम, सांसद गोपालगंज, जेडीयू से नाराज
नवंबर 2005 चुनाव के कुछ जानने वाले तथ्य
जेडीयू और बीजेपी ने तालमेल कर 139 और 102 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे
जेडीयू को 88 सीटें मिली थी, बीजेपी को 55
आरजेडी ने कांग्रेस से तालमेल किया था। आरजेडी 175, कांग्रेस 51 सीटों पर लड़ी थी।
आरजेडी को 54, कांग्रेस को तब 9 सीटें मिली।
आरजेडी ने 10 सीटें सीपीएम के लिए छोड़ी थी। , एक पर जीत मिली
लोजपा ने सीपीआई, फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी से तालमेल किया था।
203 सीटों पर लड़कर लोजपा ने 10 सीटें जीती
35 सीटों पर लड़के सीपीआई को 3 सीटें मिली।
पहला दौर : मतदान 21 अक्टूबर, सीटें 47
27 सितंबर से 4 अक्टूबर तक नामांकन, 5 को नामंकन पत्रों की जांच
7 अक्टूबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख होगी।
मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा की 47 सीटें।
जेडीयू के पास अभी 16,बीजेपी 13, आरजेडी 5,कांग्रेस के पास 4 अन्य 8 सीटें हैं।
(किशनगंज में एक सीट बढ़ी है)
दूसरा दौर : मतदान 24 अक्टूबर, सीटें 45
29 सितंबर से 6 अक्टूबर तक नामांकन ,7 को जांच, 9 को नाम वापसी की आखिरी तारीख।
शिवहर,सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,समस्तीपुर,मोतिहारी(12 में से 5 सीट) की 45 सीटें।
जेडीयू के पास अभी 13,बीजेपी 7, आरजेडी के पास 18, एलजेपी 3, कांग्रेस 1, अन्य 2
(दरभंगा में एक नई सीट )
तीसरा दौर : मतदान 28 अक्टूबर, सीटें 48
4 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक नामांकन,12 को जांच,14 नाम वापसी की आखिरी तारीख।
बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, सीवान, छपरा, वैशाली की 48 सीटें।
जेडीयू के पास अभी 15, बीजेपी 14, आरजेडी 11, लोजपा 3, कांग्रेस 1,बीएसपी 1, अन्य 2
(मोतिहारी में एक नई सीट)
मनोज अगर जातीय समीकरण का कोई आंकड़ा हो तो एक लेख बन सकता है। काफी दिनों से सब अपनी-2 जाति को 2-4 फीसदी बढ़ा-चढ़ाकर हवावाजी करने के आदी हो गए हैं। क्या विचार है?
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