मुकेश कुमार झा |
महंगाई का असर अब ग्लोबल हो चुका है। खान-पान के साथ रहन-सहन पर इसका साफ प्रभाव देखा जा सकता है। महानगरों में खाने से ज्यादा लोग रहने में खर्च करते हैं। कुल मिलाकर, “आमदनी अट्ठन्नी, खर्चा रुपया” वाली स्थिति हो गई हैं। खासकर, स्टूडेंट्स को इस महंगाई से बुरी तरह जूझना पड़ता है। बढ़ती महंगाई और घटते जॉब के ग्राफ ने काफी कुछ बदल कर रख दिया है। स्थिति ऐसी हो तो मानकर चलिए जिंदगी को रफ्तार में बनाए रखने के लिए कुछ खास तो सोचना ही पड़ता है। इसी सोच का असर अब चीन में भी दिखने लगा है। एक तो महंगाई और ऊपर से जॉब की बेवफाई ने एक संघर्षरत चाइनीज स्टूडेंट को रहने के लिए एक अलग प्रकार के कॉन्सेप्ट का सहारा लेना पड़ा। यह कॉन्सेप्ट कुछ ऐसा है कि आप एक बार देखें और सोचे तो कुछ देर के लिए आश्चर्यचकित हो सकते हैं।
अंडाकार मकान का ऊपरी दृश्य |
हनोई यूनिवर्सिटी के 24 वर्षीय ग्रेजुएट स्टूडेंट दाईं हैफेई ने चलते-फिरते घर के रूप में एक नया कॉन्सेप्ट लाये हैं। यह घर अंडे के आकार में है। यह काफी हद तक घर के सामने वाले कॉटेज की तरह ही है। दाई की कंपनी बीजिंग के हैदियान डिस्ट्रिक्ट के चेंग्फू रोड के पास बड़े प्रांगण में स्थित है। कंपनी की बड़ी बिल्डिंग के नीचे स्थित लोन पर बना यह चलता-फिरता घर बड़े अंडे के समान दिखाई देता है।
दो मीटर ऊंचे इस घर का बाहरी भाग गनी बैग से बना हुआ है, जो देखने में खुरदुरा लगता है। इस अनोखे घर का दरवाजा अंडाकार का है। वो भी बिना लॉक का। इस घर में पहिये भी लगाए गए हैं, ताकि जगह बदलने में कोई दिक्कत न हो।
नज़दीक से देखिये घर की खूबसूरती |
इस शरणस्थली का डेकोरेशन काफी साधारण है। इसमें एक मीटर चौड़े बेड के सिरहाने के पास किताबें रखने की सुविधा है। बेड के अंतिम छोर पर पानी की टंकी इस रूप में रखी गयी है कि देखने पर लगता नहीं है कि यहां पर कोई पानी की टंकी भी है। वाटर टैंक में प्रेशर सिस्टम भी लगा हुआ है, जिसका इस्तेमाल चीज़ों को धोने में किया जाता है। घर बनाने वाला दाई के पिता कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं और मां ऑफिस क्लीनर। उसके माता-पिता काफी बूढ़े हो चुके हैं और अपने बेटे की शादी के लिए कडा परिश्रम भी कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाकर एक अच्छे घर में दाई की शादी भी कर सकें।
घर संवारते दाई हैफेई |
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