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Thursday, January 27, 2011

चीन में देखिये "अंडे का फंडा"

मुकेश कुमार झा 
(लेखक आईआईएमसी नई दिल्ली के पूर्व छात्र और प्रोपर्टी एक्सपर्ट पत्रिका में सीनियर सब एडिटर हैं.)
महंगाई का असर अब ग्लोबल हो चुका है। खान-पान के साथ रहन-सहन पर इसका साफ प्रभाव देखा जा सकता है। महानगरों में खाने से ज्यादा लोग रहने में खर्च करते हैं। कुल मिलाकर, आमदनी अट्ठन्नी, खर्चा रुपया वाली स्थिति हो गई हैं। खासकर, स्टूडेंट्स को इस महंगाई से बुरी तरह जूझना पड़ता है। बढ़ती महंगाई और घटते जॉब के ग्राफ ने काफी कुछ बदल कर रख दिया है। स्थिति ऐसी हो तो मानकर चलिए जिंदगी को रफ्तार में बनाए रखने के लिए कुछ खास तो सोचना ही पड़ता है। इसी सोच का असर अब चीन में भी दिखने लगा है। एक तो महंगाई और ऊपर से जॉब की बेवफाई ने एक संघर्षरत चाइनीज स्टूडेंट को रहने के लिए एक अलग प्रकार के कॉन्सेप्ट का सहारा लेना पड़ा। यह कॉन्सेप्ट कुछ ऐसा है कि आप एक बार देखें और सोचे तो कुछ देर के लिए आश्चर्यचकित हो सकते हैं।
अंडाकार मकान का ऊपरी दृश्य 


हनोई यूनिवर्सिटी के 24 वर्षीय ग्रेजुएट स्टूडेंट दाईं हैफेई ने चलते-फिरते घर के रूप में एक नया कॉन्सेप्ट लाये हैं। यह घर अंडे के आकार में है। यह काफी हद तक घर के सामने वाले कॉटेज की तरह ही है। दाई की कंपनी बीजिंग के हैदियान डिस्ट्रिक्ट के चेंग्फू रोड के  पास बड़े प्रांगण में स्थित है। कंपनी की बड़ी बिल्डिंग के नीचे स्थित लोन पर बना यह चलता-फिरता घर बड़े अंडे के समान दिखाई देता है। 


दो मीटर ऊंचे इस घर का बाहरी भाग गनी बैग से बना हुआ है, जो देखने में खुरदुरा लगता है। इस अनोखे घर का दरवाजा अंडाकार का है। वो भी बिना लॉक का। इस घर में पहिये भी लगाए गए हैं, ताकि जगह बदलने में कोई दिक्कत न हो। 


नज़दीक से देखिये घर की खूबसूरती
घर के अंदर का हिस्सा बांस के टुकड़ों से बना है, जिसे कील के सहारे जोड़ा गया है। इस अनोखे घर में जहां बांस के टुकड़ों से बनी छत की बाहरी भाग बांस की चटाई की परत, थर्मल इन्सुलेशन लेयर, रेनप्रूफ लेयर से लैस है और वहीं उसका बाहरी भाग दूसरे थर्मल इन्सुलेशन लेयर, जो जूट से बने थैले से ढका हुआ है। इस जूट के थैले यानि गनी बैग घास के बीज और जाइमाटिक लकड़ी के बुरादे से भरा हुआ है। यह घास के बीज बसंत ऋतु में जूट के थैले से निकल कर ग्रीन हाउस के कॉन्सेप्ट को असली रूप देते हैं।


इस शरणस्थली का डेकोरेशन काफी साधारण है। इसमें एक मीटर चौड़े बेड के सिरहाने के पास किताबें रखने की सुविधा है। बेड के अंतिम छोर पर पानी की टंकी इस रूप में रखी गयी है कि देखने पर लगता नहीं है कि यहां पर कोई पानी की टंकी भी है। वाटर टैंक में प्रेशर सिस्टम भी लगा हुआ है, जिसका इस्तेमाल चीज़ों को धोने में किया जाता है। घर बनाने वाला दाई के पिता कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं और मां ऑफिस क्लीनर। उसके माता-पिता काफी बूढ़े हो चुके हैं और अपने बेटे की शादी के लिए कडा परिश्रम भी कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाकर एक अच्छे घर में दाई की शादी भी कर सकें।



घर संवारते दाई हैफेई 
दाई की घर कह स्थिति ऐसी नहीं है कि वह किराया अफोर्ड कर सके। इस घर में रहने के बाद दाई का कहना है कि अब हर महीने पैसे की बचत होने से हमारे जीवन स्तर में भी सुधार आया है। लेकिन इस कॉन्सेप्ट से बने घर की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इसे स्थानीय मीडिया और लोगों ने खूब सराहा है। इस अनोखे घर को देखने लोगों की भीड़ उमड़ रही है। हालांकि, देखा जाय तो यह कॉन्सेप्ट काफी हद तक चीन की स्थिति की काफी व्याख्या कर रहा है। कुछ जानकारों का अनुमान है कि कहीं इस घर को हटा न दिया जाय। मामला चाहे जो भी लेकिन इस प्रकार का घर भविष्य में उन लोगों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी, जो महंगाई के इस जमाने में पढ़ाई के साथ महानगरों में एक बेहतर जीवन शैली का हिस्सा बनना चाहते हैं।

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Saturday, November 27, 2010

मक्के का महल मिचेल कॉर्न पैलेस

मुकेश झा 
(लेखक आईआईएमसी नई दिल्ली के पूर्व छात्र और प्रोपर्टी एक्सपर्ट पत्रिका में सीनियर सब एडिटर हैं.) 
द मिचेल कॉर्न पैलेस (The Mitchell Corn Palace)

एक परिचय
स्थान - 604, नॉर्थ मेन स्ट्रीट, मिचेल, साऊथ डकोटा, यूएसए
स्थिति – पूरा तैयार
निर्माण वर्ष -1921 (गुम्बद और मीनार को वर्ष 1937 में जोड़ा गया)
उपयोग -  बहुउद्देशीय रूप में 
शिखर - 26.2 मीटर
छत - 20.7 मीटर
फ्लोर्स की संख्या - 2
फ्लोर एरिया - 4042.2 स्क्वेयर मीटर
आर्किटेक्ट कंपनी - Rapp & Rapp

महल का भव्य नज़ारा 
मकई या कॉर्न भी इमारत की इबारत लिख चुका है। वह भी प्रसिद्ध स्थानों पर। यह पढ़कर भले ही आप कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाएं लेकिन हकीकत यह है कि अमेरिका के मिचेल में इसके सहारे महल बनाया गया है। यह जगह अमेरिका के दक्षिण डकोटा प्रान्त में है। मिचेल अमेरिका ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में एक है। इस पर्यटन स्थल को द मिचेल कॉर्न पैलेस चार चांद लगा रहा है। मिचेल में प्रत्येक साल 5 लाख से ज्यादा सैलानी आते हैं। इस महल को नया रूप क्रोप आर्ट के सहारे दिया गया है। इसके भित्तिचित्र और डिज़ाइन को कॉर्न और अन्य अनाजों से सुन्दर रूप में ढाला गया है। 



मक्के की नक्काशीनुमा कारीगरी 
<यह स्थान कई महत्वपूर्ण गेम्स का मेजबानी भी कर चुका है। खासकर, डकोटा वेसलीयेन यूनिवर्सिटी ((Dakota Wesleyan University) और मिचेल हाईस्कूल करनल्स (Mitchell High School Kernels) के बीच बॉस्केट बॉल के मैच के समय इसकी लोकप्रियता का ग्राफ काफी ऊंचा हो चला था। मिचेल पेलैस का उद्धाटन वर्ष 1892 में किया गया था। इसका निर्माण उस समय लोगों को यहां पर बसने के लिए प्रोत्साहित करने का एक तरीका था। चूंकि दक्षिणी डकोटा में काफी उपजाऊ भूमि है और यहां पर अनाज उत्पादन काफी बेहतर होता है। इस महल को कॉर्न से बनाने के पीछे शायद यही कॉन्सेप्ट रहा होगा कि यह स्थान मानव बस्ती के लिए बेहतर है। हालांकि शुरुआती दौर में यह लकड़ीनुमा किले के रूप में था, जिसे वर्ष 1904-05 में बनाया गया। इस लकड़ीनुमा किले को कालान्तर में कॉर्न पैलेस के रूप में बदला गया। फिर वर्ष 1921 में इसे फिर से बनाया गया, जिसे शिकागो की प्रसिद्ध कंपनी रैप एंड रैप ने तैयार किया। इस महल में वर्ष 1937 में गुम्बद और मीनार की संरचना को जोड़ा  गए। कॉर्न पैलेस का शिखर 26.2 मीटर है। इसकी छत करीब 20.7 मीटर और फ्लोर्स की संख्या 2  है। 

मक्के से बने सुन्दर चित्र 
महल में फ्लोर एरिया 4042.2 स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में फैला है। प्रत्येक साल इसके रूप और रंग में कुछ न कुछ खास प्रकार के परिवर्तन किए जाते हैं। इस परिवर्तन में हर बार कुछ न कुछ खास थीम ज़रूर होता है। इस थीम को यहां के स्थानीय कलाकार तैयार करते हैं। वर्ष 1948  से लेकर 1971 तक इसके पैनल (फलक) की संरचना को जीवंन स्वरूप ऑस्कर हो ( (Oscar Howe) नामक कलाकार ने तैयार किया था। मिचेल कॉर्न पैलेस की दीवारों को अद्भुत रूप में कैलविन शुल्ट्ज़ ने 1977 से लेकर 2002 तक तैयार किया था। वर्ष 2003 में इसकी दीवारों की सजावट को शर्री रांस्डेल्स ने जीवंत रूप दिया। इस स्थान की लोकप्रियता का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा यहां पर आ चुके हैं। प्रत्येक साल द मिचेल कॉर्न पैलेस सजाने में करीब 1.5 लाख डॉलर का खर्च होता है।


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न्यूयॉर्क के होटल फोर सीज़न्स की एक रात मतलब 16 लाख

Thursday, October 7, 2010

न्यूयॉर्क के होटल फोर सीज़न्स की एक रात मतलब 16 लाख

मुकेश कुमार झा 
( लेखक भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व छात्र और 'प्रोपर्टी एक्सपर्ट' पत्रिका में सीनियर सब एडिटर हैं.)
हाल में आई मीडिया एक रिपोर्ट पर गौर करें तो कुछ देर के लिए आपका सिर चकरा जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप न्यूयॉर्क के होटल फोर सीज़न्स में सिर्फ एक रात ठहरते हैं, तो इसके लिए करीब (सोलह लाख) 16,22,372.51 रुपये चुकाने होंगे। यह रकम सिर्फ एक कमरे में ठहरने के लिए देनी पड़ती है। द टी वार्नर पेंटहाउस सूइट (The Ty Warner Penthouse suite) के नाम से प्रसिद्ध यह जगह दुनिया के प्रमुख लग्जरियस स्थानों में एक है। यह पेंटहाउस करीब 50 मिलियन डॉलर की लागत से बना है। यह सूइट न्यूयॉर्क शहर के सबसे ऊंची होटल बिल्डिंग ‘फोर सीज़न्स होटल’ के 52 वें फ्लोर पर है। इस पेंटहाउस को प्रसिद्ध आर्किटेक्ट आई. एम. पी, पीटर मैरिनो और होटल के मालिक टी वार्नर ने डिजाइन किया है।
होटल का राजसी ठाट वाला कमरा 
कमरे की विंडो से शहर का नज़ारा 
इस पेंटहाउस सूइट में 9 रूम हैं। पेंटहाउस 4200 स्क्वेयर फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी राजसी भव्यता देखते ही बनती है। दीवारों को मोतियों, सोने और प्लेटिनम जैसे मूल्यवान धातुओं से अलंकृत किया गया है। खासकर, प्लेटिनम फ्रेब्रिक्स की सहायता से की  गयी डिज़ाइनिंग सुन्दरता की मिसाल गढ़ रही  है। इसकी खिड़कियों से 360 डिग्री के कोण तक आप शहर के दिलकश नज़ारे देख सकते हैं। पेंटहाउस के ज़ेन रूम में वॉटर फॉल के साथ भव्य पार्टी का भी इंतजाम हैं। यहां की लाइब्रेरी में संगीत की मधुर तान सुनने के लिए ग्रांड पियानो भी हैं। सेंट्रल पार्क के बाथटब में शरीर को तरोताजा कर सकते हैं। बॉडी स्पा की सुविधा भी मिलेगी। यह सुविधा 24*7 उपलब्ध रहती है। आप चाहें तो रॉल्स-रॉयल या मेबेक कार की सवारी का भी मज़ा ले सकते हैं। होटल में प्रसिद्ध L'Atelier de Joël Robuchon रेस्टोरेंट में लज़ीज़ खाने-पीने की सुविधा हैं। कुल मिलाकर यह जगह आपको आलीशान राजमहल सरीखा एहसास कराती है