Sunday, December 5, 2010

अब प्यार को मिल गईँ आंखें

विवेक आनंद 
(लेखक आईआईएमसी, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं)
बड़ी पुरानी कहावत है  कुछ पुराने प्रेमची कह गए हैं प्यार अंधा होता है कब, कहां, किससे हो जाए, कहा नहीं जा सकता बस दिल में एक हूक सी उठती है और सबकुछ धुआं-धुआं सा हो जाता है फिर कुछ दिखाई नहीं देता महबूब आड़ा-तिरछा कैसा भी हो... दुनिया में सबसे खूबसूरत दिखता है। आंखें भैंगी ही क्यों ना हो... लेकिन वही झील सी दिखती है बस उसी में डूब जाने को दिल करता है बॉबकट वाली बाला क्यों ना हो, उसके वही गेसू आसमान की काली घटा से दिखते हैं पुराने प्रेमची कह गए हैं कि दिल लगी दीवार से तो परी क्या करे’ लेकिन हकीकत में ऐसा होता है क्या?


पुराने प्रेमचियों की कही बात पर भरोसा नहीं होता ऐसा होता कहां है? मुझे तो इसमें शक है मुझे तो लगता है कि प्यार बड़ा सोच समझकर किया जाता है, अच्छी तरह से आंखें खोलकर, देखभाल कर किया जाता है दीवार से दिल नहीं लगता, दिल तो परी पर ही आता है मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस तो यही कहता है अब अगर किसी को मेरे प्यार पर शक हो तो ये अलग बात है लेकिन सच्चे दिल से मैं इतना दावा तो कर ही सकता हूं कि मेरा प्यार भी 100 फीसदी डबल फिल्टर्ड प्यार था लेकिन कमबख्त ने उस प्य़ार की वैल्यू ही नहीं समझी शायद उसने भी मेरी तरह आंखें खोल रखी थीं अब परी को भी तो कोई कॉम्पिटेंट आइटम चाहिए


बिन पैसे हम न होंगे तेरे !!!
मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस कहता है कि मैं चाहे कितना भी बदसूरत रहा हूं, मैंने हमेशा परी टाइप आइटम ही ढूंढ़ी, आंखें खोलकर जो प्यार किया था ये अलग बात है कि उस वक्त मैं पुराने प्रेमचियों  की कही बात की दुहाई ही दिया करता था... जैसे, प्यार कैसे हुआ... कब हुआ... पता ही नहीं चला... बस लगा कि यही है मेरे लिए परफेक्ट आइटम... और फिर आंखों में ख्वाब तैरने लगे... कि बस, अब तो इसके अलावा किसी और को देखूंगा भी नहीं... लेकिन ये कहां पता था कि वो भी अपने लिए परफेक्ट आइटम ढूंढ़ रही थी


वो मेरे साथ ही पढ़ती थी कुछ मजबूरियों की वजह से हम करीब आए और मुझे प्यार हो गया परी से कम नहीं थी वो, आंखें खुली रखकर जो प्यार किया था इसलिए दीवार से दिल लगाने का चांस ही नहीं था हमने साथ-साथ वक्त गुजारा, लंबे अरसे तक साथ रहे, लगा कि पब्लिकली वी आर द बेस्ट फ्रेंड्सकहना तो लड़कियों की आदत होती है मामला तो जम ही जाएगा लेकिन जब लगा कि अब काफी वक्त हो चुका है और अब तो इज़हार-ए-मोहब्बत के बिना काम नहीं चलने वाला तो मामला ही उल्टा हो गया फिर तो सारा प्यार हवा-हवाई हो गया मामला फुस्स...दिल टूट गया मेरा...और खुद को संभालने के लिए मैंने पूरी शिद्दत से पुराने प्रेमचियों के नुस्खे अपनाए रो-रोकर बाल्टी भर दी जो अब तक देखा सुना था वही सब हुआ मेरे साथ कुछ भी नया नहीं हर जगह उसकी ही तस्वीर नज़र आने लगी हसीन लम्हों की याद दिल से उतरती ही नहीं थी कुछ दिनों बाद पता चला कि उसका मामला फिक्स हो गया है बिल्कुल कॉम्पिटेंट आइटम ढूंढ़ा था उसने उसने भी दीवार से दिल लगाने का चांस नहीं लियाबिल्कुल आंखें खोलकर अपने लिए सही आइटम का चुनाव किया यकीनन मेरे से ज्यादा काबिल था... हर लिहाज से... बाद में मुझे ये अहसास भी हुआ कि उसने बिल्कुल सही कदम उठाया था...


दिल तो बच्चा है जी... 
मेरी एक दोस्त है उसने भी लव मैरिज की है एक दिन उसकी प्रेमकहानी सुनी...वो भी परी टाइप आइटम है इसलिए उसके सामने भी मेरे जैसे आंखें खोलकर प्यार ढूंढ़ने वालों की कमी नहीं थी कई ऑफर आए उसे लेकिन उसे भी पुराने प्रेमचियों के अंधे प्यार पर भरोसा नहीं था आंखें खुली रखी थी उसने उसे भी किसी कॉम्पटीटेंट आइटम की तलाश थी अचानक एक दिन सोशल नेटवर्किंग साइट पर उसकी नजर एक आइटम पर गई पहले दोनों नेट फ्रेंड बने फिर एक-दूसरे को जाना समझा मैचिंग लेवल देखा फिर एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना शुरू किया लेकिन इन सबके बीच न उसके दिल में धुआं उठा... और ना ही कोई हूक वगैरह का चांस बना जब उसे लगा कि मामला जम सकता है तो फिर बाकायदा उसने अपने आइटम के घर की रेकी की घरवालों से जाकर मिली और तब जाकर शादी का फैसला लिया अब मुझे लगा कि इसमें प्यार कहां से हुआ? दोनों ने प्यार थोड़े ही किया बस सोच-समझकर शादी की तब जाकर उसने मुझे समझाया कि दोस्त ऐसे ही होता है पुराने जमाने के प्रेमचियोंकी कही बात को सीरियसली मत लो अब ज़माना आगे निकल चुका है कहां पड़े हो तुम?



सच बात है... अब पुराने प्रेमचियों की कही बात की कोई वैल्यू नहीं रहीऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे खुद में कई और गिना सकता हूंकई और किस्से बता सकता हूं...इसलिए कहता हूं कि प्यार अब अंधा नहीं रह गया है...प्यार को आंखें मिल गई हैं

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4 comments:

  1. naam batao desh janna chahta hai..tumhare pyar k katil kaa naam-

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  2. पीजी डिप्लोमा इन अफेयर एंड लव मैनेजमेंट का कोर्स जल्दी ही शुरु होगा।.वैसे भी कविता और साहित्. के प्रेम आउटडुटेड हो गए हैं।.

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  3. वैसे महर्षि मार्क्स ने कथित तौर पर बयान दिया था कि प्रेम और दोस्ती संशोधित आर्थिक संबंध हैं! उस हिसाब से आपका कथन सत्य के करीब है।

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  4. पुराने प्रेमचियों की कही इस बात से में इत्तिफाक रखता हूं कि आत्मा की तरह प्यार अमर है...एनर्जी की तरह इसका ट्रांसफॉर्मेंशन संभव है...और विनीत जी प्यार में बदलाव आया है...प्रेम के बदलते पैमाने पर रिसर्च भी की जा सकती है...

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